बालकाण्ड वाल्मीकि कृत रामायण और गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस का प्रथम भाग (काण्ड या सोपान) है। बालकाण्ड में प्रभु श्री राम के जन्म से लेकर राम सीता विवाह तक के घटनाक्रम आते हैं। गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री राम चरित मानस के बाल काण्ड में 7 श्लोक, 341 दोहा, 25 सोरठा, 39 छंद- 39 एवं 358 चौपाई है ।
संक्षेप में ये कथा इस प्रकार है ।
अयोध्या नगरी में दशरथ नाम के राजा हुये जिनकी कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा नामक पत्नियाँ थीं। संतान प्राप्ति हेतु अयोध्यापति दशरथ ने अपने गुरु श्री वशिष्ठ की आज्ञा से पुत्रकामेष्टि यज्ञ करवाया जिसे कि ऋंगी ऋषि ने सम्पन्न किया। भक्तिपूर्ण आहुतियाँ पाकर अग्निदेव प्रसन्न हुये और उन्होंने स्वयं प्रकट होकर राजा दशरथ को हविष्यपात्र (खीर, पायस) दिया जिसे कि उन्होंने अपनी तीनों पत्नियों में बाँट दिया। खीर के सेवन के परिणामस्वरूप कौशल्या के गर्भ से राम का, कैकेयी के गर्भ से भरत का तथा सुमित्रा के गर्भ से लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ।
नीचे बालकाण्ड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है।
- मंगलाचरण
- गुरु वंदना
- ब्राह्मण-संत वंदना
- खल वंदना
- संत-असंत वंदना
- रामरूप से जीवमात्र की वंदना
- तुलसीदासजी की दीनता और राम भक्तिमयी कविता की महिमा
- कवि वंदना
- वाल्मीकि, वेद, ब्रह्मा, देवता, शिव, पार्वती आदि की वंदना
- श्री सीताराम-धाम-परिकर वंदना
- श्री नाम वंदना और नाम महिमा
- श्री रामगुण और श्री रामचरित् की महिमा
- मानस निर्माण की तिथि
- मानस का रूपक और माहात्म्य
- याज्ञवल्क्य-भरद्वाज संवाद तथा प्रयाग माहात्म्य
- सती का भ्रम, श्री रामजी का ऐश्वर्य और सती का खेद
- शिवजी द्वारा सती का त्याग, शिवजी की समाधि
- सती का दक्ष यज्ञ में जाना
- पति के अपमान से दुःखी होकर सती का योगाग्नि से जल जाना, दक्ष यज्ञ विध्वंस
- पार्वती का जन्म और तपस्या
- श्री रामजी का शिवजी से विवाह के लिए अनुरोध
- सप्तर्षियों की परीक्षा में पार्वतीजी का महत्व
- कामदेव का देवकार्य के लिए जाना और भस्म होना
- रति को वरदान
- देवताओं का शिवजी से ब्याह के लिए प्रार्थना करना, सप्तर्षियों का पार्वती के पास जाना
- शिवजी की विचित्र बारात और विवाह की तैयारी
- शिवजी का विवाह
- शिव-पार्वती संवाद
- अवतार के हेतु
- नारद का अभिमान और माया का प्रभाव
- विश्वमोहिनी का स्वयंवर, शिवगणों को तथा भगवान् को शाप और नारद का मोहभंग
- मनु-शतरूपा तप एवं वरदान
- प्रतापभानु की कथा
- रावणादिका जन्म, तपस्या और उनका ऐश्वर्य तथा अत्याचार
- पृथ्वी और देवतादि की करुण पुकार
- भगवान् का वरदान
- राजा दशरथ का पुत्रेष्टि यज्ञ, रानियों का गर्भवती होना
- श्री भगवान् का प्राकट्य और बाललीला का आनंद
- विश्वामित्र का राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण को माँगना, ताड़का वध
- विश्वामित्र-यज्ञ की रक्षा
- अहल्या उद्धार
- श्री राम-लक्ष्मण सहित विश्वामित्र का जनकपुर में प्रवेश
- श्री राम-लक्ष्मण को देखकर जनकजी की प्रेम मुग्धता
- श्री राम-लक्ष्मण का जनकपुर निरीक्षण
- पुष्पवाटिका-निरीक्षण, सीताजी का प्रथम दर्शन, श्री सीता-रामजी का परस्पर दर्शन
- श्री सीताजी का पार्वती पूजन एवं वरदान प्राप्ति तथा राम-लक्ष्मण संवाद
- श्री राम-लक्ष्मण सहित विश्वामित्र का यज्ञशाला में प्रवेश
- श्री सीताजी का यज्ञशाला में प्रवेश
- बंदीजनों द्वारा जनकप्रतिज्ञा की घोषणा, राजाओं से धनुष न उठना, जनक की निराशाजनक वाणी
- श्री लक्ष्मणजी का क्रोध
- धनुषभंग
- जयमाला पहनाना, परशुराम का आगमन व क्रोध
- श्री राम-लक्ष्मण और परशुराम-संवाद
- दशरथजी के पास जनकजी का दूत भेजना, अयोध्या से बारात का प्रस्थान
- बारात का जनकपुर में आना और स्वागतादि
- श्री सीता-राम विवाह, विदाई
- बारात का अयोध्या लौटना और अयोध्या में आनंद
- श्री रामचरित् सुनने-गाने की महिमा
Koe tuti nhi
Koe tuti nhi
Koe tuti nhi h
भगवान पर भरोसा रामायण एक एक प्रश्न याद होना चाहिए मुझे बागेश्वर धाम सरकार पर बहुत भरोसा है
भगवान पर भरोसा रामायण के सारे प्रश्न याद होना चाहिए बागेश्वर धाम सरकार पर भरोसा
Jo bhi kam karte ho aap dhairya se karo aur Bhagwan ke bare mein sochte raho Mera bageshwar dham Sarkar per bahut bada Vishwas hai I like wagheshwar dham Sarkar
Bageshwar dham Sarkar ki Jay ho
Balkand and sundarkand