रामायण, महाभारत, गीता, वेद तथा पुराण की कथाएं

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“कथा संग्रह” वेबसाइट का एकमात्र उद्देश्य सनातन हिन्दू धर्म का प्रचार एवं प्रसार है। हमारे धर्म में ढेर सारे पौराणिक ग्रंथ है। इसमें कई कथाएं एवं प्रसंग हैं। कुछ के बारे में हम जानते हैं कुछ के बारे में नहीं। इन प्रसंगो को एक जगह एकत्रित करने का ये एक प्रयास भर है।

इस वेबसाइट में लेखों को अलग अलग खंडो में बांटा गया है ।

  1. Katha Sangrahकथा संग्रह :  हमारे पूर्वजो ने, ऋषि मुनियों ने, युगो में, हमारे लिए रामायण के 7 कांड, 24000 श्लोक, रामचरितमानस  के 7 कांड, 84 प्रसंग, महाभारत के 18 पर्व, 110000 श्लोक, श्रीमद्भवतगीता  के 18 अध्याय, 700 श्लोक, मनुस्मृति  के 12 अध्याय, 2694 श्लोक, 4 वेद (ऋग्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, यजुर्वेद) कुल मिलाकर 20379 श्लोक, 200 उपनिषद, 18 स्मृतियाँ, 18 महापुराण के कुल 403600 श्लोको का संग्रह कर रखा है। इनमे हजारो लाखों, प्रसंग है। हमारा प्रयास है की रामायण, रामचरित मानस, महाभारत, गीता, वेद तथा पुराण के रोचक प्रसंगो को, रुचिपूर्ण रूप से पाठको के लिए इस खंड में संगृहीत किया जाए ।

  2. धर्म परिक्रमा: हमारा भारत देश लद्दाख से कन्याकुमारी तक और कच्छ से मणिपुर तक फैला हुआ है। हर जगह हमें मंदिर और शिवालय मिल जायेंगे। हर धार्मिक स्थल की एक कहानी, इतिहास है । कुछ बहुत ही विख्यात है जबकि कुछ के बारे में आम व्यक्ति जानता भी नहीं । इस खंड में आप भी हमारे साथ साथ धर्म परिक्रमा पर चलते हैं।

    लेख लिखने के लिए हम एक मंदिर / धर्म स्थल को ढूंढते हैं। बहुत सारी वेबसाइट पर जा कर उनके बारे में जानकारी जुटाते हैं। कुछ समाचार पत्रों, पत्रिकाओं से भी जानकारी लेते हैं। इस कारन हमारी उस स्थल की सम्पूर्ण यात्रा हो जाती है। यदि आप इन कथाओं को पढ़ते हैं तो आपके साथ साथ हमें भी पुण्य की प्राप्ति हो जाएगी।


  3. व्रत एवं त्यौहार: ये खंड है हमारे त्योहारों के। जैसा की मैंने लिखा है की भारत बहुत ही बड़ा देश है । समय के साथ साथ एक जगह के लोग दूसरी जगहों पर बसने लगे। लेकिन हम अपना त्योहार नहीं छोड़ सके। हर जगह हम अपने त्यौहार मनाते हैं। हमारा प्रयास है की हर छोटे बड़े व्रतों एवं त्योहारों के बारे में, उनके पूजन विधि के बारे में, पूजन की कथाओं के बारे में इस खंड में जानकारी एकत्रित की जा सके।

     

  4. धर्म चर्चा: हमारा ये खंड बहुत ही महत्वपूर्ण है। जैसे जैसे कंप्यूटर का युग आया, सिनेमा, फेसबुक, ट्विटर आदि हमारे जीवन का अंग बने गए। सुचना के प्रसार ने हमें फायदा दिया तो साथ ही साथ हमारे धर्म को नुक्सान भी पहुंचाया । हमारे हिन्दू धर्म को क्षति पहुँचाने वालों ने इन सब का बहुत उपयोग किया। हमारी संस्कृति, संस्कार, त्योहार में मिलावट करते गए ये लोग।
    इस खंड के लेख हमें हमारी मूल संस्कृति के बारे में बताती है। 

तो आइये हम और आप मिलकर धर्म चर्चा करें, मंदिरों के दर्शन कर करें, अपने देवी देवताओं की कहानियों को जाने ।
हमारे लेखों को स्वयं पढ़े और दूसरों को पढ़ने को प्रेरित करें।

अगर आप कोई धार्मिक कहानी या लेख लिखना कहते हैं तो हमें info@kathasangrah.com पर मेल कर सकते हैं, वो लेख आपके नाम से www.kathasangrah.com पर प्रकाशित किया जायेगा। ध्यान रहे कि लेख धर्म से सम्बंधित हो और केवल हिंदी भाषा में हो।

हम कोई विवादित लेख, या जो दूसरे धर्म का अनादर करता हो स्वीकृत नहीं करतें ।

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आपके सहयोग और प्रेम के लिए हार्दिक आभार।