नवरात्रि में क्या क्या न करें
हमारे हिंदू धर्म में नवरात्रि का बहुत ही महत्व है। देवी दुर्गा के नौ अवतारों को समर्पित ये नौ दिन बहुत शुभ माने जाते हैं। यह हमारे सबसे प्राचीन त्योहारों में से एक है क्योंकि यह भगवान राम की जीत का जश्न मनाता है, जिन्होंने रावण पर अपनी लड़ाई से पहले देवी दुर्गा की पूजा की थीं। शारदा नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में धूम धाम से मनाया जाता है। नवरात्र के दौरान मां भगवती की पूजा अमोघ फलदायी होती है। लेकिन कुछ कार्य ऐसे हैं जो नवरात्र के दौरान निषेध हैं।
आइये जानते हैं की नवरात्र के दौरान क्या क्या न करें
- नवरात्र के दिनों में दाढ़ी-मूंछ और बाल नहीं कटवाने चाहिए।
- महिलाओं और पुरुषों को नौ दिनों तक नाखून नहीं काटने चाहिए।
- अगर अखंड ज्योति जला रहे हैं तो इन दिनों घर खाली छोड़कर नहीं जाएं। घर में कोई न कोई एक व्यक्ति जरूर रहना चाहिए।
- नवरात्र के दिनों में भोजन सात्विक ही होना चाहिए। प्याज, लहसुन और मांसाहार न खाएं। व्रत में नौ दिनों तक खाने में अनाज और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। फलाहार कर रहें हो तो एक ही जगह पर बैठकर ग्रहण करें।
- हमारे वस्त्र साफ़ एवं सुद्ध होना चाहिए। बिना धुले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। व्रत रखने वाले लोगों को बेल्ट, चप्पल-जूते, बैग जैसी चमड़े की चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- व्रत रखने वालों को नौ दिन तक नींबू नहीं काटना चाहिए।
- नवरात्रि व्रत के समय दिन में सोना निषेध है।
- चालीसा, मंत्र या सप्तशती पढ़ रहे हैं एकाग्र हो कर पढ़ें। बिच में न बोलें न उठ कर अन्यत्र जाएँ इससे पाठ का फल नहीं मिल पता।
- नवरात्र के दौरान सिगरेट, पान, तम्बाखू इत्यादि से परहेज करें । व्यसन से व्रत खंडित होता है।
- नवरात्र के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें ।
नवरात्र में हम अपने इन्द्रियों को ९ दिनों के लिए मुक्त कर देते है। हमें सभी क्रियाओं से खुद को दूर करना होता है। सभी क्रियाओं का तात्पर्य खाना, बोलना, देखना, छूना, सुनना और सूंघना आदि से है । यदि हम इन सभी क्रियाओं से खुद को कुछ समय दूर रखते हैं तो ऐसे समय में हमारे शरीर की सभी इन्द्रियां इन कार्यों से विमुक्त होती हैं और शरीर अंतर्मुखी हो जाता है ।
इसलिए माता की कृपा पाने के लिए उपरोक्त कार्य कदापि न करें।
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