रामायण, महाभारत, गीता, वेद तथा पुराण की कथाएं
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Ayodhya Kaand

भरतजी का अयोध्या लौटना, भरतजी द्वारा पादुका की स्थापना, नन्दिग्राम में निवास और…

दोहा : सानुज सीय समेत प्रभु राजत परन कुटीर। भगति ग्यानु बैराग्य जनु सोहत धरें सरीर॥321॥ छोटे भाई लक्ष्मणजी…

श्री राम-भरत संवाद

दोहा : राम सपथ सुनि मुनि जनकु सकुचे सभा समेत। सकल बिलोकत भरत मुखु बनइ न ऊतरु देत॥296॥ श्री रामचन्द्रजी की…

श्री राम-भरतादि का संवाद

दोहा : भरत बिनय सादर सुनिअ करिअ बिचारु बहोरि। करब साधुमत लोकमत नृपनय निगम निचोरि॥258॥ पहले भरत की विनती…

श्री वशिष्ठजी का भाषण

दोहा : गुर पद कमल प्रनामु करि बैठे आयसु पाइ। बिप्र महाजन सचिव सब जुरे सभासद आइ॥253॥ भरतजी गुरु के चरणकमलों…