रामायण, महाभारत, गीता, वेद तथा पुराण की कथाएं
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arany kaand

नारद-राम संवाद

बिरहवंत भगवंतहि देखी। नारद मन भा सोच बिसेषी॥ मोर साप करि अंगीकारा। सहत राम नाना दुख भारा॥3॥ भगवान्‌ को…

मारीच प्रसंग और स्वर्णमृग रूप में मारीच का मारा जाना, सीताजी द्वारा लक्ष्मण को…

दोहा : करि पूजा मारीच तब सादर पूछी बात। कवन हेतु मन ब्यग्र अति अकसर आयहु तात॥24॥ तब मारीच ने उसकी पूजा करके…

राम का दंडकवन प्रवेश, जटायु मिलन, पंचवटी निवास और श्री राम-लक्ष्मण संवाद

है प्रभु परम मनोहर ठाऊँ। पावन पंचबटी तेहि नाऊँ॥ दंडक बन पुनीत प्रभु करहू। उग्र साप मुनिबर कर हरहू॥8॥ हे प्रभो!…